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Sunday, 18 May 2014

आशिक़ी के संगम में डूबता है ये शहर....

                                            लेखक: आशुतोष अस्थाना



हर दिल में यहाँ इश्क बस्ता है, आशिकों से सजा हर एक रस्ता है,
दिन सुहाने हैं, तो शाम है यहाँ की रुहानी, दीवानगी में बीतती है यहाँ के परवानों की जवानी,
मुहब्बत ही इबादत है, यही है इसकी निशानी, इश्क की दास्तानों से ही तो बनती है इलाहाबाद की कहानी.

इलाहाबाद का मिजाज़ अपने में ही अनोखा है, गली-गली में यहाँ हीर तो हर चौराहे पर राँझा मिल जाते हैं. अपने में खोये समस्त दुनिया से बेखबर इस शहर के हर कोने में आपको असंख्य प्रेम के प्रतीक देखने को मिल जायेंगे. इस गंगा-यमुना की सभ्यता वाले शहर में आशिकी का अंदाज़ ही कुछ अलग है.

यहाँ के प्रेम का अंदाज़ महंगे तोहफों से नहीं पता चलता, यहाँ तो 50 रुपये की कान की बालियों से ही प्यार होजाता है. फाइव स्टार होटलों से ज़्यादा फुल्की के चटपटे स्वाद से नजदीकियां बढ़ती है. मर्सडीस में घुमाकर यहाँ के आशिक अपनी प्रियतम का दिल नहीं जीतते, बल्कि साइकिल के डंडे पे आगे बिठा कर प्रेम की बातें करते हैं. ये इलाहाबाद है, जहाँ हर सोमवार प्रेमी मनकामेश्वर मंदिर दर्शन करने जाते है और एक दूसरे का हाथ थामे सरस्वती घाट पर गंगा की चंचल चाल का आनंद लेते है. सरस्वती घाट तो प्रेमियों का मंदिर माना जाता है. आपको हर उम्र के प्रेमी जोड़े यहाँ मिल जायेंगे. कुछ छुप कर तो कुछ दिखाने के लिए गंगा की आड़ लेते है. यहाँ दुपट्टा सिर्फ प्रेमिकाओं का एक वस्त्र नहीं होता है, बल्कि समाज से छुपने का एक साधन होता है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय की भी सड़के आशिकों की फ़ौज से भरी रहती है, प्रेम की लहर कैंपस में दिन के हर वक़्त देखने को मिलती है चाहे चाय के ठेले पर या किसी फ़ास्ट फ़ूड की दूकान पर, मैदान में बैठ कर एक दूसरे का नोट्स लिखते हुए या पानी के नल के पास एक दूसरे पर छींटा मारते हुए. 

दिन में इन प्रेमियों को कंपनी बाग या भारद्वाज पार्क जैसी जगहों पर पन्हा मिलती है. दिन की थकान का अंत कंपनी बाग के शांत वातावरण में होता है. इन दीवानों की शामें भी बहुत रंगीन होती हैं जब सिविल लाइन्स के एल्चिको या तंदूर में अपने प्रेमी के साथ बातें करते-करते जीवन का सुख बटोरते है तो विनायक मॉल में फेसबुक में डालने के लिए फोटो खिचवाते हैं. कभी बारिश की हलकी फुहार में सोंराव तक की लम्बी मोटरसाइकिल यात्रा करते हैं.

आज भी इलाहाबादियों के इश्क में सादगी झलकती है. साथ रहने की ख़ुशी भी रहती है तो घर वालों का भय भी होता है. साथ जीने-मरने की कसमें भी होती हैं तो अगले ही चौराहे पर वैलेंटाइन डे के दिन पुलिस के द्वारा पकड़े जाने का खतरा. 

इलाहाबादियों का अंदाज़ और उनका आशिकाना मिजाज़ ही उन्हें औरों से अलग करता है. लोग कुछ भी कहें, लेकिन यहाँ के लोग प्रेम की गंगा में नहाते हैं और रिश्तों के संगम में गोते लगाते हैं.

2 comments:

  1. Ashutosh aaj tumahare blog se Mujhe kuch naya Jaane ko Mila..Maine to har media,har experience ke log se Yahi jaana ki allahabad ek educational city hai jo sabse jayeda civil and public commission job ke liye jaana jaata hai ..ye ek romance city hai ye to Mujhe pata nahin tha..thnx for updating me thrgh blog.keep writing ... Bol

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    1. thank you so much and i will keep up with your expectations. Stay connected with The World Within....

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